Sunday, March 25, 2012


"भारतीय रेल का पुनरुत्थान - एक चिंतन"

एक लम्बे अंतराल के बाद 'रेलवे समाचार' द्वारा पिछले कई सालों से चली आ रही अपनी परंपरा का निर्वाह करते हुए इस बार एक नए और अयंत महत्वपूर्ण मगर एकदम समसामयिक विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. 
इस बार का विषय है 
"भारतीय रेल का पुनरुत्थान - एक चिंतन" 
(RESURRECTION OF INDIAN RAILWAYS - AN INTROSPECTION)
इस बार इस महत्वपूर्ण और समसामयिक सेमिनार में भारतीय रेल के पांचो मान्यताप्राप्त फेडरेशनों के उच्च पदाधिकारियों सहित रेलवे बोर्ड के सभी सदस्यों और जोनल रेलों के महाप्रबंधकों को भी आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा बाहर से भी कुछ रेल विशेषज्ञों को इसमें शामिल होने हेतु बुलाया गया है. 
इस बार यह सेमिनार वाई. बी. चव्हाण प्रतिष्ठान सभागृह, जनरल जगन्नाथ भोसले मार्ग, मंत्रालय के पास, नरीमन पॉइंट, मुंबई - 21 में आयोजित किया जा रहा है. 

उल्लेखनीय है कि इससे पहले 'रेलवे समाचार' द्वारा "पब्लिक सेमिनार ऑन रेलवे सेफ्टी", "प्रिडीकामेंट ऑफ़ सबर्बन रेल यूजर्स इन मुंबई", "रोल ऑफ़ विजिलेंस आर्गनाइजेशन इन रेलवे सिस्टम", "इकनामिक वायबिलिटी थ्राफ डेवलपमेंट ऑफ़ नान-कन्वेंशनल रिवेन्यु रिसोर्सेस ऑफ़ इंडियन रेलवेज" जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर मुंबई और पटना में कई सेमिनारों का आयोजन किया जा चुका है, जिनमे रेलवे के उच्चाधिकारियों सहित यात्री संगठनो और बाहरी रेल विशेषज्ञों ने भाग लेकर अपने सुविज्ञ विचारों को प्रस्तुत किया था. यह सेमिनार भारतीय रेल की सेफ्टी, सिक्योरिटी, सतर्कता, इंजीनियरिंग, ट्रांसपोर्टेशन और आर्थिक मजबूती जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित थे. 

उपरोक्त सभी सेमिनारों में हजारों की संख्या में रेल कर्मचारियों, उच्च रेल अधिकारियों और सर्वसामान्य लोगों ने भाग लिया था और सभी सेमिनार अत्यंत सफल साबित हुए थे. विषय के अनुरूप इन सेमिनारों से सर्वसामान्य को बहुत अच्छी जानकारी प्राप्त हुई थी. रेल अधिकारियों, कर्मचारियों और सर्वसामान्य से प्राप्त हुई प्रतिक्रिया ने इन सेमिनारों के आयोजन की आवश्यकता को भी चिन्हित किया है. रेल यातायात और कार्य संस्कृति में इन सेमिनारों के माध्यम से 'रेलवे समाचार' के सकारात्मक योगदान की सराहना भी की गई है. इस बार मांग यह है कि भारतीय रेल की समसामयिक आर्थिक स्थिति के परिप्रेक्ष्य में किसी ऐसे विषय को लेकर 'रेलवे समाचार' द्वारा सेमिनार का आयोजन किया जाए, जिससे करीब 160 साल पुरानी इस महान संस्था के 'पुनरुत्थान' के बारे में जनसामान्य के बीच एक सार्थक चर्चा हो सके. इसीलिए इस बार का विषय "भारतीय रेल का पुनरुत्थान - एक चिंतन" एकदम समसामयिक है. 

उम्मीद है कि इसमें भाग लेने वाले गणमान्य वक्ताओं से इस विषय पर कुछ बहुत अच्छे विचार इस बार सुनने और समझने को मिलेंगे, जिनको ध्यान में रखकर भारतीय रेल के पुनरुत्थान के लिए बहुत कुछ किया जा सकेगा. इस बार इस विषय पर रेलवे बोर्ड से फेडरेशन ऑफ़ रेलवे आफिसर्स एसोसिएशंस (एफआरओए) के महासचिव श्री शुभ्रांशु, पटना से इंडियन रेलवे प्रमोटी आफिसर्स फेडरेशन (आईआरपीओएफ) के अध्यक्ष श्री जे. पी. सिंह, नई दिल्ली से आल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री कामरेड श्री शिवगोपाल मिश्रा और नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडियन रेलवेमेन (एनएफआईआर) के महामंत्री श्री एम. राघवैया तथा अखिल भारतीय रेल सुरक्षा बल संगठन (एआईआरपीएफए) के महामंत्री श्री यू. एस. झा जैसे भारतीय रेल की धमनियों से बखूबी वाकिफ रेल विज्ञ और श्री सुबोध कुमार जैन तथा श्री अजीत सक्सेना जैसे ईमानदार महाप्रबंधकों और उच्च अधिकारियों सहित रेल की प्रशासनिक एवं आर्थिक व्यवस्था की बारीकी से जानकारी रखने वाले आईएलएफआई के डायरेक्टर जनरल श्री महेश आर. रेड्डी और पूर्व आईएएस श्री सुनील चतुर्वेदी तथा नवभारत टाइम्स, मुंबई के संपादक श्री सुन्दर चंद ठाकुर की संभावित भागीदारी से "भारतीय रेल के पुनरुत्थान" के बारे में एक सार्थक चर्चा होने की पूरी संभावना है. 
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